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भारत एक ग्लोबल इकोनॉमी बनेगा- मनोज तिवारी
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नई दिल्ली,15 मई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज को लेकर आज वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने तीसरी चरण में बड़ी घोषणाएं की और विस्तारपूर्वक उसे देशवासियों के सामने रखा। किसानों को आर्थिक मजबूती देने के लिए आज की की गई घोषणाओं के लिए माननीय वित्त मंत्री जी का धन्यवाद देते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि देश के किसानों के कल्याण के लिये कल 2,30,000 करोड़ के पैकेज के बाद आज 1,63,343 करोड़ के पैकेज की ऐतिहासिक घोषणा है। मोदी जी के नेतृत्व में वित्त मंत्री जी द्वारा उठाये गये कदम से किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प पूरा होगा।
भारत कृषि प्रधान देश है और आज की घोषणाएं कृषि के क्षेत्र में देश को और मजबूती प्रदान करेगी और आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देगी। उन्होंने बताया कि एग्रीग्रेटर्स, एफपीओ, प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसाइटी आदि के लिए फार्म गेट इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक लाख करोड़ की मदद मिलने से किसानों के पास भंडारण की कमी पूरी होगी। माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज को ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बनाने के लिए10 हजार करोड़ रुपये दिया जाएंगे ताकि वे ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बना सकें जिससे वेलनेस, हर्बल, ऑर्गनिक प्रोडक्ट करने वाले 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज को फायदा होगा। 55 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके इसलिए 20,000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तत्काल लागू किया जा रहा है।
दो लाख से ज्यादा मधुमक्खी पालकों को राहत मिलेगी क्योंकि
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार दे रही है। निजी निवेश डेयरी प्रोसेसिंग में बढ़ावा देने, कैटल फीड प्रोडक्शन में निर्यात के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड का प्रावधान किया गया है जिससे चीज जैसे नीश प्रोडक्ट के प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसेलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मवेशियों को बीमारियों से बचाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जो पशुपालकों के लिए काफी लाभदायक है। केंद्र सरकार की ओर हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अगले 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर जमीन को कवर किया जाएगा। साथ ही सप्लाई चेन को ठीक करने के लिए 500 करोड़ रुपये की मदद भी केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी।
श्री तिवारी ने बताया कि किसानों के हित के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया जाएगा। एक केंद्रीय कानून लाया जाएगा जिसकी मदद से किसानों के लिए बैरियर-मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार संभव होगा। आलू, प्याज, खाद्यान्न, खाद्य तेल, तिलहन, दाल आदि के लिए स्टॉक सीमा को खत्म किया जाएगा। इस ऐतिहासिक निर्णय से किसानों के पास अब अधिकार होगा कि वो अपने उत्पाद को ई- ट्रेडिंग के जरिए पूरे देश में कहीं भी बेच सकेंगे और विदेशों में भी बेच सकेंगे। विशेष आपदा परिस्थितियों में इसके लिए सीमाएं निर्धारित की जाएंगी।
समर्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए इस घोषणा से देश की करोड़ों किसानों में एक विश्वास और भरोसे का भाव जगा है। भारत को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी व सशक्त बनाकर, कोरोना संकट से न केवल उबारने में बल्कि दुनिया में एक आर्थिक शक्ति बनाने में कृषि क्षेत्र एक नई ताकत के रूप में उभरेगा और निश्चित ही भारत एक ग्लोबल इकोनॉमी बनेगा।
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