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भारत माता रो रही है उसके बच्चे भोजन और पानी के बिना सड़कों पर पैदल चल रहे हैं
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नई दिल्ली, 14 मई, 2020 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने दिल्ली सरकार से कोविड-19 महामारी का संकट झेल रहे गरीब लोगों को 7500 रुपये सीधे उनके खाते में डालने की मांग की। उन्होंने दिल्लीवासियों के बिजली, पानी के बिल, व्यवसायिक बिलों पर फिक्स चार्ज से छूट और स्कूल के विद्यार्थियों को फीस में दो तिमाही की छूट देने की भी मांग की क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोगों के आय के कोई साधन नही है और आम आदमी आज इस राशि देने की स्थिति में नही है। प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित वीडियों कांन्फ्रेसिंग में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ उपाध्यक्ष अली मेंहदी भी मौजूद थे। उन्होंने कोरोना यौद्धाओं के लिए रिस्क अलॉउंस देने की मांग की क्योंकि ये कोरोना मरीजों के इलाज में अपना जीवन दाव पर लगा रहे है।चौ0 अनिल कुमार ने श्री राहुल गांधी को कोट करते हुए कहा कि “भारत माता आज रो रही है, उसके बच्चे बिना भोजन और पानी के सड़कों पर चल रहे हैं“, और जो लोग देश और दिल्ली पर शासन करते रहे हैं, वे कम से कम उनकी दुर्दशा के बारे में चिंतित तक नही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविद -19 महामारी के 51 दिनों के लाकडाउन के साथ, कोरोना के मामलों का अंत होने का कोई संकेत नहीं है, क्योंकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7998 कोरोना के रोगी इलाज के तहत हैं, और 106 व्यक्तियों ने वायरस के कारण दम तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि 24 घंटे के भीतर कोरोना में 20 लोगों की मौत हो गई और 14,748 व्यक्ति घर क्वारांटाईन हैं। दिन प्रतिदिन अत्यधिक मामले सामने आ रहे है, हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा दिए जा रहे आंकड़े अविश्वसनीय हैं।चौ0 अनिल कुमार ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जब कोरोना केस लगातार बढ़ रहे है तो कांटेन्मेन्ट जोन कैसे कम हो सकते है? उन्होंने कहा राजधानी में वर्तमान में 79 हॉटस्पॉट है जो कोरोना महामारी को फैलने का संकेत है।
चौ0 अनिल कुमार ने मांग की कि जिन लोगों की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई या संक्रमित है, उन्हें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अधिनियम के अनुसार उन्हें अथवा उनके आश्रितों को मुआवजे भुगतान किया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार को सभी प्रकार की ईएमआई के लिए भुगतान करना चाहिए, प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजा जाना चाहिए और छोटे और मध्यम उद्योगों को एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें वर्तमान के आर्थिक संकट से बचाया जा सके। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी NGO और CIVIL SOCIETY की कोख से जन्मी है। लेकिन पूरे लॉकडाउन में उन्होंने न जनता से पूछा, न ही RWA, NGO या Civil Society से कोई सुझाव पूछा। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अब जब स्थिति उनसे संभल नही रही है तो जनता से सुझाव इसलिए मांग रहे है ताकि वे अपनी नाकामियों को ठीकरा दिल्लीवासियों पर फोड़ सकें।दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से केजरीवाल को कई बार पत्र लिखकर कोरोना संकट से संबधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए है और व्यक्तिगत बातचीत के लिए उनसे समय भी मांगा ताकि स्थिति पर विचार विमर्श किया जा सके, लेकिन उन्होंने कभी मिलने की सहमति नही दी। चौ0 अनिल कुमार ने केजरीवाल सरकार को सुझाव दिए कि सरकार को NDMA Act के तहत State/District/ Zonal Plan बनाने चाहिए, दिल्लीवासियों के कोविड टेस्ट निशुल्क हो और प्रतिदिन एक लाख कोविड टेस्ट किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना यौद्धओं जैसे डाक्टरों, नर्सो और पेरामेडिकल स्टाफ के लिए सुविधाऐं बढाई जाए तथा इनको PPE किट, मास्क तथा रहने की उत्तम व्यवस्था भी की जाए और अस्पतालों में बेडों की संख्या में भी बढ़ौतरी की जानी चाहिए। केजरीवाल प्रचार के लिए करदाताओं की मेहनत की कमाई को खर्च करने के बजाय, उस पैसे को राजधानी में कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
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