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पीड़ित प्रवासी की मदद करना हमारा कर्तव्य है।गोपाल झा
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दिल्ली में लॉक डाउन के पहले दिन से गोपाल झा गरीब, दिहाड़ी मजदूर, जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन व खाद्य सामग्री की व्यवस्था को सुनिश्चित करते आ रहे हैं और यह निरंतर जारी है। प्रतिदिन दिल्ली के विभिन्न इलाकों में फूड पैकेट्स बांट रहे हैं और वाहनों के माध्यम से जरूरतमंद व गरीब लोगों के घर-घर में जाकर उन्हें भोजन पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मानवता और सेवा धर्म को सर्वोपरि मानते हुए गरीबों की हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने गरीबों की मदद करने पर जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जब यह लोग भंयकर संकट की स्थिति से गुजर रहे है, और जब यह प्रवासी श्रमिक दुर्गम कठिनाइयों से गुजर रहे हैं तो गरीब प्रवासी श्रमिकों की हम मदद कर है गोपाल झा ने कहा कि जब यह पीड़ित प्रवासी अपने-अपने गृह राज्यों को दिल्ली होकर जा रहे है, इनकी मदद करना हमारा कर्तव्य है।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक उम्मीदवार बुराड़ी विधानसभा दिल्ली व गरीब मजदुर नेता भाजपा दिल्ली प्रदेश व अखिल भारतीय प्रांतीय प्रवासी एवं दलित विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल झा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 29 अप्रैल को प्रबासी मजदूरों के लिए और फसे हुए पर्यटकों के लिए अपने घर जाने कि अनुमति देने के बाबजूद भी राज्य सरकारों के लचर रवैये के कारण मजदुर व पर्यटक अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिस कारण मजदूर पैदल, साईकिल और ट्रक से घर जाने को वेबस हो रहे हैं। जिस राज्य से मजदूर जाना चाहता है उन्हें उस राज्य से अनुमति नही मिलने के कारण भूखे रहना पड़ रहा है और वे अन्य बीमारीयों कि भी चपेट में आ रहे हैं। खासकर दिल्ली से लाखों मजदूर व फसे लोग बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, झारखण्ड व मध्यप्रदेश आदि राज्यों में जाना चाहते हैं जिनकी हालत बहुत दयनीय है। केंद्र सरकार द्वारा कुछ प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी घोषणा की है जिसे राज्य सरकार को लागु करने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए होगा। मजदूरों के साथ साथ ऐसे लोग जो रबी फसल को तैयार करने और धान कि फसल को बोआई के लिए घर जाना चाहते है और ऐसे लोग जो ईलाज के लिए दिल्ली आये थे और भारी संख्या में दिल्ली में मौजूद है उन सभी को प्राइवेट गाड़ी कि जगह 25 की संख्या में बसों से जाने कि अनुमति होनी चाहिए। ताकि ये सभी परेशान लोग कम खर्चे में अपने घर पहूंच सके और शहरों कि भीड़ भार को भी कम कर सके। और गांव में जाकर अपना कृषि कार्य में योगदान दे सके पिछले कुछ दिनों से मीडिया ने गरीबों कि आवाज को तेजी से बुलंद किया है। जिसका असर सरकार पर देखने को मिल रहा है जिसके लिए सभी मीडिया कर्मी को हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ।
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